जैविक खेती से काश्तकारों की आर्थिकी होगी मजबूत

  • लक्ष्मण सिंह नेगी।

जनमंच टुडे। ऊखीमठ। उत्तराखण्ड जैविक उत्पाद परिषद के सहयोग व सुविधा संस्था हल्द्वानी के द्वारा इन दिनों जनपद रूद्रप्रयाग के तीनों विकासखण्डो के 131 गांवों के 9645 काश्तकारों को जैविक खेती के प्रति जागरूक करने के साथ ही काश्तकारों की फसलों को कीट नाशक दवाई वितरण करने के साथ ही जैविक खेती उपकरण वितरित किये जा रहे हैं। साथ ही काश्तकारों को द्वितीय वर्ष का तीसरे चरण का प्रशिक्षण देकर काश्तकारों को जैविक खेती अपनाने के गुर सिखाये जा रहे हैं। उत्तराखण्ड जैविक उत्पाद परिषद व सुविधा संस्था के द्वारा काश्तकारों को दिये जा रहे प्रशिक्षण में काश्तकार बढ़ – चढकर भागीदारी कर रहे हैं।सुविधा संस्था का मुख्य उद्देश्य काश्तकारों को जैविक खेती अपनाने के प्रति जागरूक करना है। इससे पूर्व वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के समय भी सुविधा संस्था द्वारा भी तीनों विकासखण्डो में सैकड़ों काश्तकारों जैविक खेती के प्रति जागरूक किया गया था। कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए अनेक प्रकार की मेडिकल सामाग्री वितरित की गयी थी। जानकारी देते हुए सुविधा संस्था के जिला समन्यवक दिनेश चन्द रतूड़ी ने बताया कि उत्तराखण्ड जैविक उत्पाद परिषद व सुविधा संस्था हल्द्वानी के सयुक्त तत्वावधान में विकासखण्ड ऊखीमठ की ग्राम पंचायत सारी, नाला, नारायण कोटि, बडा़सू, मैखण्डा व ल्वारा सहित 14 गांवों में तथा विकासखण्ड जखोली में जखोली सहित 14 ग्राम पंचायतों तथा विकासखण्ड अगस्तमुनि की कुरक्षण, कोट, लदोली, मयकोटी, पिल्लू व जैहगी सहित 103 ग्राम पंचायतों में 9 645 काश्तकारों को प्रशिक्षण देकर जैविक खेती के प्रति जागरूक किया जा रहा है। काश्तकारों को बर्मी बेड़, स्प्रे मशीन के साथ ही बर्मी व जैविक खाद, केचुये, ब्लू ड्रिप वितरित की जा रही है। उत्तराखंड जैविक उत्पाद परिषद के तकनीकी अधिकारी नवीन उनियाल ने बताया कि तीनों विकासखण्ड के 131 गांवों के 9645 काश्तकारों को मटका व पंचगव्य खाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसमें काश्तकार बढ़चढ़ कर भागीदारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यदि सभी काश्तकार जैविक खेती अपनाते हैं तो फसलों के उत्पादन में भारी वृद्धि होने से काश्तकार आत्मनिर्भर बन सकते हैं।

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