आवेदकों को बैंक ऋण देने में लापरवाही न बरतें

जनमंच टुडे। रुद्रप्रयाग । उद्योग बंधुओं की समस्याओं के निराकरण एवं उनके द्वारा स्थापित किए जाने वाले औद्योगिक इकाइयों के लिए ऋण उपलब्ध कराने को लेकर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने जिला उद्योग मित्र एवं उप समिति की बैठक ली। बैठक में जिलाधिकारी ने महाप्रबंधक जिला उद्योग को निर्देश दिए हैं कि उद्योग बंधुओं द्वारा  ऋण उपलब्ध कराए जाने हेतु जो भी आवेदन किए जाते हैं उन आवेदनों को शीर्ष प्राथमिकता से नियमानुसार स्वीकृत कराने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए इसमें किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही न बरती जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि उद्योग बंधुओं द्वारा संचालित की जा रही औद्योगिक इकाइयों के संचालन में किसी प्रकार की कोई असुविधाएं हैं तो उनका तत्काल निराकरण सुनिश्चित किया जाए ताकि उद्योग बंधुओं को अपने औद्योगिक इकाइयों के संचालन में किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो इसके लिए सभी अधिकारी आपसी समन्वय के साथ कार्य करते हुए समस्याओं का निराकरण तत्परता से करें। जिलाधिकारी ने उद्योग बंधुओं को यह भी निर्देश दिए हैं कि जिन उद्योग बंधुओं द्वारा होटल व्यवसाय हेतु निर्माण किया जाता है तो उस स्थान की जोलोजिक स्टडी तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बिना जोलोजिक स्टडी के कोई भी होटल निर्माण न किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि जो औद्योगिक इकाइयां स्वीकृत की गई हैं तथा उनमें निर्माण कार्य शुरू नहीं किए गए हैं उनमें यथाशीघ्र निर्माण कार्य शुरू करने के भी निर्देश दिए गए। बैठक में उद्योग बंधुओं द्वारा अवगत कराया गया कि औद्योगिक इकाई भटवाड़ी सैण में पानी की समस्या कई दिनों से बनी हुई है जिसके लिए उन्होंने पेयजल आपूर्ति सुचारू करने की मांग की। बैठक में जिलाधिकारी ने अधि. अधिकारी जल संस्थान को निर्देश दिए हैं कि औद्योगिक इकाई भटवाड़ी सैण में जो पानी की समस्या बनी है उसका स्थलीय निरीक्षण कराते हुए पानी की व्यवस्था तत्काल सुचारू करने के निर्देश दिए।
बैठक में महाप्रबंधक उद्योग एच.सी. हटवाल ने अवगत कराया कि वर्तमान में विद्युत विभाग में जनपद की किसी भी औद्योगिक इकाई का विद्युत संयोजन प्रकरण लंबित नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने अवगत कराया कि ब्याज उपादान में उद्यमी हेतु 10 प्रतिशत अधिकतम 8 लाख प्रति इकाई प्रतिवर्ष दिए जाने का प्राविधान है तथा जनपद में 06 इकाइयों के ब्याज उपादान का प्रकरण बैंकों से प्राप्त हुई है जिसे समिति द्वारा स्वीकृत किया गया है। उन्होंने अवगत कराया कि एकल खिड़की सुगमता और अनुज्ञापन नियमावली 2015 के अंतर्गत वर्तमान में कोई भी आवेदन पत्र विभाग में लंबित नहीं है।

 

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