बिजली के तारों के जाल से मिलेगी मुक्ति
जनमंच टुडे। देहरादून। प्रदेश में अब सड़कों और मोहल्ले में मौजूद बिजली के तारों का जाल अब नहीं दिखाई देगी,और ज़ल्द ही बिजली की तारे जमीन के नीचे से गुजरेगी, इसके लिए एबी केबल बिछाई जाएगी। बिजली भूमिगत होने से बिजली की चोरी रुकेगी साथ ही लाइन भूमिगत होने से आंधी-तूफान या बारिश में बिजली आपूर्ति बाधित नहीं होगी, साथ ही लाइन लास में कमी आएगी और जर्जर तारों में शार्ट सर्किट से होने वाले हादसे भी नहीं होंगे। केंद्र सरकार ने नई बिजली लाइनों, सब स्टेशनों के निर्माण, बिजली लाइनों को अंडर ग्राउंड करने के लिए राज्य को आरडीएसएस योजना के तहत 2 हजार 600 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है। जानकारी देते हुए ऊर्जा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि नई दिल्ली में रीजनल पावर कमेटी की बैठक में पेश किए गए राज्य के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। सुंदरम ने बताया कि बिजली सप्लाई सिस्टम को मजबूत करने के लिए देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर, हल्द्वानी, टिहरी, उत्तरकाशी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, चमोली, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और चंपावत में सब स्टेशनों की क्षमता बढ़ाई जाएगी। इसके साथ ही हल्द्वानी शहर में सभी बिजली लाइनों को अंडर ग्राउंड किया जाएगा। सचिव ऊर्जा, आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि आरडीएसएस योजना में एडवांस मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विस प्रोवाइडर सिस्टम के तहत16 लाख घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसके लिए केंद्र के स्तर से 22 प्रतिशत वित्तीय सहायता दी जाएगी। शेष बजट स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी को अपने स्तर पर खर्च करना होगा।