अतिथि देवो भवः की परम्परा का ध्यान रखें अधिकारी : महाराज
जनमंच टुडे। देहरादून। पर्यटन, धर्मस्व, संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने श्री केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने पर समस्त देशवासियों एवं भक्तों को बधाई दी। साथ ही उन्होंने चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों से अपना पंजीकरण करवाने के साथ मौसम की जानकारी और समय-समय पर राज्य सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए ही यात्रा करने की अपील की। उन्होंने अधिकारी और कर्मचारी को यात्रियों के साथ अतिथि देवो भवः की परम्परा का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। महाराज ने कहा कि यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा को देखते हुए राज्य सरकार ने अनेक व्यवस्थाएं की हैं। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के दृष्टिगत एक स्टेट लेवल कन्ट्रोल रूम की स्थापना देहरादून स्थित उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद मुख्यालय में की गई है जो कि पूरे यात्रकाल के दौरान संचालित रहेगा। उन्होंने कहा कि पर्यटकों और यात्रियों को लम्बी कतारों से निजात दिलाने के लिये और लाइन में अधिक समय तक प्रतिक्षा न करनी पड़े, इसके लिए धामों में दर्शन के लिए टोकन, स्लॉट की व्यवस्था सुचारू रूप से की जा रही है। पर्यटन मंत्री ने कहा कि विभाग की ओर से चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों एवं वाहनों की सुरक्षा और निगरानी के लिए पर्यटक सुरक्षा प्रबन्धन प्रणाली के तहत ऑनलाइन, ऑफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई है। चारधाम यात्रा के लिये ऋषिकेश एवं हरिद्वार में ऑफलाइन पंजीकरण के लिये भी काउंटर उपलब्ध कराये गये हैं। इस व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने के लिये आवश्यक है कि चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्री और पंजीकरण में लगे कर्मचारी और अधिकारी एक-दूसरे का सहयोग करते हुए कार्य करें। चारधाम यात्रा में लगे कर्मचारी पुरी मुस्तौदी के साथ यात्रियों की सेवा में लगे हैं। उन्होंने कहा कि यात्रियों की आवासीय सुविधा को ध्यान में रखते हुए गढ़वाल मण्डल विकास निगम की ओर से चारधाम यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले लगभग 52 पर्यटक आवास गृहों की मरम्मत और सौन्दर्यकरण का काम किया गया है। निगम की ओर से अब तक लगभग 74 पैकेज टूरों के अतिरिक्त 107 पैकेज टूरों का आरक्षण किया जा चुका है। केदारनाथ वैली में पिक्स आवासीय सुविधा 389 बेड्स व लगभग 2500 बिस्तर की आवासीय सुविधा के लिए टेन्ट लगाये गये हैं। महाराज ने कहा कि श्रद्धालु उत्तराखण्ड के अन्य पौराणिक एवं धार्मिक तीर्थ स्थलों का दर्शन करने के साथ-साथ मानसखण्ड के मंदिरों और धार्मिक सर्किटों के दर्शनों का लाभ भी यात्रा के दौरान उठा सकते हैं।