लोक गायक जगदीश बकरोला का निधन
देहरादून। जाने, माने गढ़वाली लोकगायक जगदीश बकरोला का आज तड़के नई दिल्ली के डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अस्पताल में निधन हो गया है। वह कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उनके निधन पर गढ़रत्न , नरेंद्र सिंह नेगी, रज्जू बिष्ट, मीना राणा, अर्जुन सेमल्टया, गणेश लसियाल, समेत तमाम गायकों, और संगीत प्रेमियों ने गहरा दुःख व्यक्त किया है। जगदीश बकरोला मूलरूप से पौड़ी गढ़वाल के विकासखंड कल्जीखाल के असवालस्यूं पट्टी के ग्राम बकरोली के रहने वाले थे। अपने गांव बकरोली के नाम पर ही उन्होंने अपने नाम के साथ बकरोला जोड़ा। 80-90 के दशक में गढ़वाली लोक संगीत के क्षेत्र अपने लोकगीतों से धूम मचाने वाले जगदीश बकरोला की मात्र ढाई साल की उम्र में दोनों आँखों की रोशनी चली गयी थी। एक समय जगदीश बकरोला और लोक गायिका सुनीता बेलवाल के गीतों ने पहाड़ के हर संगीत प्रेमी को अपना दीवाना बना दिया था। उनके सुपरहिट गीतों की बात करें तो सनका बांद, बौ हे सतपुली का सैणा मेरी बौऊ सुरीला, लाला मंसारामा तक चीनी भी रईं चा, अंग्रेजी बुलबुल, मि छौ मिलटरी कु छोरा, मेरी बौऊ सुशीला बौजी मिन कॉथिग जाणा या, सड़की तीर को छै घसेरी, सतपुली बाजार क्यो आन्दी मेरी ब्वारी गौमती हे या, कुछ न पूछ द्यूरा मिथै जुखाम लग्यूचा आदि सैकड़ों सुपरहिट गीत हैं।