बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ पर कार्यशाला आयोजित

बागेश्वर। महिला सशक्तिकरण, बाल विकास विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के 10 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में बागेश्वर में ब्लॉक सभागार में जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम 1994 के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यशाला का शुभारम्भ जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ मंजू लता यादव ने किया। कार्यक्रम में विभिन्न सैक्टरों की सुपरवाईजर, विभिन्न चिकित्सालयों में कार्यरत सीएचओ, एएनएम तथा आशा कार्यकत्रियां व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों सहित 120 से अधिक प्रतिभागी मौजूद रहे।
जागरूकता कार्यशाला में जिला कार्यक्रम अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में बालिकाओं के घटते लिंगानुपात से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि गर्भ में लिंग जांच जैसे महा अपराध अभी समाज में हो रहे हैं। समाज में फैल रही इस कुरीति को दूर करने के लिए महिलाओं को ही आगे आना होगा। कार्यक्रम में महिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. आकांक्षा द्वारा पीसीपीएनडीटी अधिनियम अर्थात गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक की विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि भ्रूण का लिंग परीक्षण करना कानून अपराध है। यदि कोई भी दम्पति या चिकित्सक ऐसे अपराध करते पाये जाते हैं तो उनको आर्थिक दण्ड व सजा दोनों हो सकती है।
कार्यक्रम में महिला स्वास्थ्य एवं स्वास्थ्य विभाग अन्तर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं की भी जानकारी दी गई। वहीं बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना तथा मिशन शक्ति योजना की जानकारी भी दी गयी। इसके साथ ही महिलाओं को वन स्टॉप सेन्टर की भी जानकारी देते हुए बताया गया कि किसी भी अपराध से पीड़ित महिला वन स्टॉप सेन्टर में सम्पर्क कर सकती है।

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