हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को उपस्थित होने को कहा
नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने वन विभाग, राजकीय राजमार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग, वन भूमि व राजस्व भूमि पर हुए अवैध अतिक्रमण के खिलाफ स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार को पूर्व में जिला स्तरीय कमेटी बनाकर अतिक्रमण चिन्हित कर अतिक्रमणकारियों की सुनाई करने के आदेश दिए थे, लेकिन याचिकाकर्ता द्वारा कोर्ट को बताया गया कि कई जगह बिना नोटिस दिए ही प्रशासन ने अतिक्रमण ध्वस्त करने की कार्रवाई की जा रही है, जो सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन है। जिस पर हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश होने के साथ सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का किस तरह से पालन किया जाए ये बताने को कहा है। मामले में एक सप्ताह बाद अगली सुनवाई नियत की गई है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ में हुई। मामले के अनुसार दिल्ली निवासी एक व्यक्ति ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजकर कहा है कि नैनीताल के पदमपुरी में वन विभाग की भूमि व रोड के किनारे कुछ लोगों ने सम्बंधित अधिकारियों की मिलीभगत से अतिक्रमण किया है।
