कब्ज से परेशान लोगों के लिए राहत की खबर, इसबगोल से सुधरेगा पाचन
बदलती जीवनशैली और अनियमित खानपान के कारण पेट से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। खासतौर पर कब्ज की शिकायत अब केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रही, बल्कि युवा वर्ग भी इससे परेशान नजर आ रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार लंबे समय तक कब्ज बने रहने से गैस, एसिडिटी और पेट में भारीपन जैसी समस्याएं रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करती हैं। ऐसे में आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा दोनों में उपयोग होने वाला इसबगोल (इसपघोल) एक सुरक्षित और असरदार विकल्प के रूप में सामने आया है।
इसबगोल की भूसी प्राकृतिक घुलनशील फाइबर से भरपूर होती है, जो पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाती है। यह आंतों में जाकर पानी को अवशोषित करती है, जिससे मल नरम होता है और मलत्याग की प्रक्रिया सहज बनती है। नियमित और सही तरीके से सेवन करने पर यह कब्ज से राहत दिलाने के साथ-साथ पाचन तंत्र को सक्रिय रखने में मदद करती है।
कैसे करता है काम
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि इसबगोल एक बल्क-फॉर्मिंग फाइबर की तरह कार्य करता है। यह आंतों में जमा अपशिष्ट को बाहर निकालने में सहायक होता है और पाचन क्रिया को प्राकृतिक रूप से संतुलित करता है। इसके उपयोग से आंतों की सफाई बेहतर होती है और पेट से जुड़ी पुरानी परेशानियों में भी धीरे-धीरे सुधार देखा जा सकता है।
सेवन का सही तरीका
इसबगोल का अधिकतम लाभ पाने के लिए इसका सही समय और मात्रा जानना जरूरी है। आमतौर पर रात के समय भोजन के बाद एक चम्मच इसबगोल की भूसी को गुनगुने पानी या दूध में मिलाकर लेने की सलाह दी जाती है। इसे मिलाने के तुरंत बाद पीना चाहिए, ताकि यह ज्यादा गाढ़ा न हो। नियमित सेवन से कुछ ही दिनों में पाचन में सुधार महसूस हो सकता है।
दिल और शुगर के लिए भी फायदेमंद
कब्ज से राहत के अलावा इसबगोल का सेवन हृदय स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी माना जाता है। यह शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। वहीं, यह भोजन के बाद ब्लड शुगर के स्तर को संतुलित रखने में भी सहायक होता है, जिससे डायबिटीज के मरीजों को लाभ मिल सकता है। फाइबर की अधिक मात्रा पेट को देर तक भरा रखती है, जिससे अनावश्यक भूख कम होती है और वजन नियंत्रण में मदद मिलती है।
सावधानी भी है जरूरी
विशेषज्ञों का कहना है कि इसबगोल लेते समय पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बेहद जरूरी है। पानी की कमी होने पर यह समस्या बढ़ा भी सकता है। किसी गंभीर बीमारी या लंबे समय से दवाइयों का सेवन कर रहे लोग इसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
नोट: यह जानकारी सामान्य स्वास्थ्य जागरूकता के उद्देश्य से दी गई है। किसी भी प्रकार के उपचार से पहले चिकित्सकीय परामर्श आवश्यक है।
(साभार)
