पीने वालों की मौजबहार, सस्ती हुई शराब
देहरादून। उत्तराखंड में अब शराब की दरियां बहेगी। शनिवार को सरकार ने शराब की कीमतों समेत 12 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर अपनी मुहर लगा दी है। . त्रिवेंद्र सिंह रावत कैबिनेट ने शराब की कीमतों को कम करने का निर्णय लिया है। इसके तहत प्रदेश में नई आबकारी नीति लागू की जाएगी। इसके साथ ही 11 अन्य प्रस्ताव भी राज्य कैबिनेट ने पास किए।
राज्य सरकार एक अध्यादेश लाकर गैरसैण विकास परिषद के अध्यक्ष पद पर बदलाव करेगी। इस बदलाव के बाद राज्य के आवास मंत्री, गैरसैंण विकास परिषद के अध्यक्ष होंगे। इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष इस परिषद के अध्यक्ष होते थे। राजस्व परिषद व प्रमुख सचिव पर्यटन सदस्य होंगे।
राज्य कैबिनेट ने राज्य का बजट बढ़ाने का भी निर्णय लिया है। इसके तहत 10 परसेंट की बढ़ोतरी के साथ इस बार उत्तराखंड राज्य सरकार 53000 करोड़ से अधिक का आम बजट लाएगी।
राज्य सरकार जल संस्थान और जल निगम के एकीकरण के लिए कमेटी का गठन करेगी.
चिकित्सा विभाग में नर्सिंग संवर्ग सेवा नियमावली को राज्य कैबिनेट ने मंजूर कर लिया है. इसके अंतर्गत सीधी भर्ती में 80% महिला और 20% पुरुष के लिए सीट रखी गई है.
राज्य योजना आयोग में अब 101 बजाय 126 लोग शामिल होंगे. भविष्य में युवा आयोग को भी इसी में शामिल करने का प्रस्ताव है.
उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विभाग में फिजियोथेरेपी की नियमावली को मंज़ूरी.
उत्तराखंड राज्य नदी, तटीय विकास प्राधिकरण 2016 को समाप्त करने को मंज़ूरी.
परिवाहन विभाग के ढाँचे में परिवर्तन 521 पदों के सापेक्ष 12 पद वापस, बढ़ाए गए 116 नए पद कुल 625 पद का होगा ढाँचा.
नगर निगम हरिद्वार के अंतर्गत तहसील हरिद्वार की 3522 वर्गमीटर भूमि को आवासीय किया गया, पूर्व में कुम्भ क्षेत्र में हो गई थी शामिल, लहवापटेल धर्मशाला के नाम है भूमि.
Bridcul में डेप्युटेशन के पदों में से दो पदों का Bridcul में होगा समायोजन.
make in India कार्यक्रम के अंतर्गत रक्षा औद्योगिक नीति और एरोस्पेस को कैबिनेट की मंज़ूरी.
इसके साथ ही सरकार ने सबसे बड़ा और अंतिम निर्णय आबकारी विभाग में लिया है. त्रिवेंद्र सरकार कैबिनेट ने आबकारी नीति में परिवर्तन करने का फैसला किया है. इसके तहत राजस्व को 31 सौ अस्सी करोड़ से 36 सौ करोड़ करने का लक्ष्य रखा है. कैबिनेट ने शराब के दाम उत्तर प्रदेश के बराबर या उससे कम करने का प्रस्ताव भी मंजूर किया है. लाइसेंस की अनुमति के लिए जिलाधिकारी को पावर दी गई है. अब बार का लाइसेंस 3 साल के लिए जारी होगा.
ज़्यादा राजस्व वाली दुकान ना अलोट होने पर डीएम को दुकान के दो भाग करने का अधिकार होगा . आबकारी अधिनियम की धारा 37 में मधनिषेध लागु करने के लिए संशोधन का प्रस्ताव. राज्य सरकार प्रदेश सामाजिक, आर्थिक और प्रशासनिक स्तर पर कर सकेगी मधनिषेध.