उत्तराखण्ड में 31 तक लॉकडाउन

देहरादून। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए उत्तराखंड के सभी 13 जिलों को लॉक डाउन कर दिया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य में आपात और खाद्य सेवाओं को छोड़ सभी सेवाएं बंद रहेंगे। इस दौरान पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को पूरी व्यवस्था पर नजर रखने के निर्देश दिए गए। इस सम्बंध में सरकार ने शासनादेश जारी कर नियमों का पालन करने के निर्देश दिए हैं।
उत्तराखंड में भले ही कोरोना वायरस से तीन मरीज मिले हैं, लेकिन सरकार मामले को लेकर काफी सजग और गम्भीर है। देवभूमि में देसी -विदेशी पर्यटकों की आवाजाही से बीमारी फैलने का ज्यादा खतरा बना हुआ है। देश के 75 से ज्यादा शहर में लॉकडाउन करने के बाद सरकार ने उत्तराखंड को भी इसमें शामिल कर दिया है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि आगामी 31 मार्च तक प्रदेश को लॉ़क डाउन घोषित कर दिया है। पुलिस विभाग और अन्य अधिकारियों की आपात बैठक लेेने के बाद यह निर्णय लिया गया है। उनका कहना है कि इस दौरान आपात सेवाएं और खाद्य आपूर्ति सुचारू रहेंगी, लेकिन सभी परिवहन सेवाएं 31 तक बंद रहेंगी। मेडिकल और आपात कालीन सेवाएं पूरी तरह से सुचारू रहेगी।

यह होता है लॉकडाउन

लॉकडाउन एक इमर्जेंसी जैसी व्यवस्था होती है। किसी क्षेत्र में लॉकडाउन किया जाता है तो उस क्षेत्र के लोगों को घरों से निकलने की अनुमति नहीं होती है। आवश्यक वस्तुओं के लिए ही घर से बाहर निकलने की अनुमति होती है। खाने पीने की वस्तुओं, दवा, अस्पताल और बैंक के काम के लिए बाहर निकलने की अनुमति मिल सकती है। बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल के काम से घर से बाहर निकलने की भी  अनुमति मिलती है।

इसलिए किया जाता है लॉकडाउन
किसी तरह के खतरे से इंसान और किसी इलाके को बचाने के लिए लॉकडाउन किया जाता है। जैसे कोरोना के संक्रमण को लेकर कई देशों में किया गया है। कोरोना  का संक्रमण एक से दूसरे इंसान में न हो इसके लिए जरूरी है कि लोग घरों से बाहर कम निकले। बाहर निकलने की स्थिति में संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा।

 

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