महिलाओं की आर्थिकी को मजबूत करने में जुटा जिलाप्रशासन

जनमंच टुडे। गोपेश्वर । चमोली के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उगने वाले दुर्लभ भोजपत्र की छाल वहां की महिलाओं की आर्थिकी को मजबूत करने का जरिया बन रहा है। जिला प्रशासन  महिला समूहों को भोजपत्र से बनने वाली वस्तुओं का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आवाहन, उत्साहवर्धन और जिलाधिकारी हिमांशु खुराना के मार्गदर्शन में विकासखंड जोशीमठ में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अतंर्गत एसएचजी महिलाओं को भोजपत्र पर कैलीग्राफी व स्ट्रिंग आर्ट एडवांस वर्जन का प्रशिक्षण शुरू किया गया है। जिला प्रशासन के सहयोग से मास्टर ट्रेनर सुरभि रावत द्वारा समूह की महिलाओं को भोजपत्र कैलीग्राफी की बारीकियों के साथ स्केलिंग एवं नवीन तकनीक के बारे में जानकारी दी जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी के बदरीनाथ भ्रमण के दौरान नीती-माणा एसएचजी की महिलाओं ने उन्हें भोजपत्र पर लिखा अभिनंदन पत्र भेंट किया था। जिसके बाद प्रधानमंत्री ने भोजपत्र के सोविनियर बनाने को लेकर मन की बात एपिसोड में भी महिलाओं की इस पहल की खूब सराहना की थी। इससे प्रभावित होकर समूह की महिलाएं भोजपत्र प्रशिक्षण में बढ़-चढ कर प्रतिभाग कर रही है। जिला प्रशासन की ओर से पूर्व में विकासखंड जोशीमठ में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के सहयोग से दो चरणों में समूह की 30 महिलाओं को दुर्लभ भोजपत्र पर कैलीग्राफी से आकर्षक सोविनियर बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। चारधाम यात्रा के दौरान महिलाओं ने विकास विभाग के आउलेट और एनआरएलएम के माध्यम से भोजपत्र से तैयार किए गए आकर्षक सोविनियर, बद्रीनाथ की आरती, माला, राखी, सुन्दर स्मृति चिन्ह एवं कलाकृतियों का विपणन कर दो लाख से अधिक आमदनी की। दुलर्भ भोजपत्र के पौराणिक महत्व एवं इससे बने आकर्षक सोविनियर की मांग को देखते हुए जिलाधिकारी हिमांशु खुराना की पहल पर महिलाओं समूहों की आर्थिकी सुदृढ़ बनाने की योजना तैयार की गई। परियोजना निदेशक आनंद सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं समूहों को उनकी आजीविका संवर्धन व कौशल विकास के लिए जोशीमठ में आठ दिवसीय भोजपत्र पर कैलीग्राफी व स्ट्रिंग आर्ट एडवांस प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मास्टर ट्रेनर सुरभी रावत द्वारा समूह की 21 महिलाओं को कैलीग्राफी की बारीकियों के साथ स्केलिंग व नवीन तकनीक के उपयोग की जानकारी दी जा रही है, जो आने वाले समय में महिलाओं के लिए स्वरोजगार का एक सशक्त जरिया बनेगा।

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