असिस्टेंट प्रोफेसरों की जल्द तैनाती होगी : डॉ रावत
देहरादून । उच्च शिक्षा विभाग में विभिन्न विषयों के 108 और असिस्टेंट प्रोफेसरों को शीघ्र तैनाती दी जायेगी। सभी चयनित शिक्षकों को प्रदेश के पर्वतीय एवं दुर्गम क्षेत्र के राजकीय महाविद्यालयों में प्रथम नियुक्ति प्रदान की जायेगी। दुर्गम क्षेत्र के महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति से जहां शिक्षकों की कमी दूर होगी वहीं शैक्षणिक गतिविधियां सुचारू रूप से संचालित होंगी। चयनित असिस्टेंट प्रोफेसरों की शीघ्र तैनाती के लिये विभागीय अधिकारियों को जरूरी निर्देश दे दिये गये हैं। सूबे के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार उच्च शिक्षा के सुधारीकरण में जुटी है। जिसके दृष्टिगत प्रदेश के सभी राजकीय महाविद्यालयों में ढ़ांचागत सुविधाओं की उपलब्धता के साथ शिक्षकों की कमी को दूर करने के ठोस प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित विभिन्न विषयों के 108 और असिस्टेंट प्रोफेसरों को प्रदेश के पर्वतीय एवं दुर्गम क्षेत्र में स्थिति विभिन्न राजकीय महाविद्यालयों में शीघ्र तैनाती दी जायेगी। जिसमें राजनीति शास्त्र में 22 असिस्टेंट प्रोफेसर, जन्तु विज्ञान 16, रसायन विभाग 26, भूगोल 15 तथा हिन्दी में 29 असिस्टेंट प्रोफसर शामिल हैं। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा गया है। डॉ. रावत ने बताया कि आयोग से चयनित इन असिस्टेंट प्रोफेसरों की तैनाती से दुर्गम क्षेत्र के महाविद्यालयों में जहां शिक्षकों की कमी दूर होगी वहीं शैक्षणिक गतिविधियों में भी सुधार होगा। जिसका लाभ स्थानीय स्तर पर छात्र-छात्राओं को मिलेगा और उन्हें उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिये महानगरों में नहीं भटकना पड़ेगा। इसके अलावा शिक्षकों की तैनाती से महाविद्यालयों की नैक ग्रेडिंग में भी सुधार देखने को मिलेंगे। विभागीय मंत्री ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग में शिक्षकों के शत-प्रतिशत पदों को शीघ्र भरा जायेगा। इसके लिये विभाग द्वारा पूर्व में विभिन्न विषयों में असिस्टेंट प्रोफेसरों के 455 पदों पर भर्ती के लिये राज्य लोक सेवा आयोग को अधियाचन भेजा गया था। जिसमें से आयोग द्वारा लगभग 20 विषयों के 248 चयनित सहायक प्राध्यापकों की सूची विभाग को उपलब्ध करा दी गई है, जबकि अवशेष 207 पदों पर चयन प्रक्रिया गतिमान है। डॉ. रावत ने बताया कि उच्च शिक्षा में शैक्षिक गुणवत्ता के लिये राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है।