काश्तकारों की समस्याओं का किया समाधान

पौड़ी । भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की पहल से चलाए जा रहे विकसित कृषि संकल्प अभियान खरीफ-2025 के अंतर्गत बीरोंखाल ब्लॉक मुख्यालय में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भारत सरकार के उप सचिव, विस्तार, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय अनूप सिंह बिष्ट उप निदेशक श्रीमती एस. भानमती और क्षेत्रीय गृह अर्थशास्त्री) श्री जिस्नु के. जे. ने किसानों का मार्गदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने किसानों की शंकाओं का समाधान भी किया। इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों के साथ विकसित कृषि संकल्प अभियान खरीफ 2025 की समीक्षा भी की। भारत सरकार की ओर से उत्तराखंड में व्यापक स्तर पर किसानों को जागरूक करने के लिए विकसित कृषि संकल्प अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य आधुनिक एवं वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि करना, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना तथा जलवायु अनुकूल खेती को बढ़ावा देना है।
इसी क्रम में मंगलवार को ब्लॉक सभागार बीरोंखाल में जागरुकता कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस अवसर पर उप सचिव श्री अनूप बिष्ट ने कहा कि काश्तकारों का उत्पादन बढ़ाने के लिए देश के हर कोने में अभियान चल रहा है। आईसीएआर की रिसर्च का लाभ काश्तकारों को मिले, इसके लिए जनता को जागरूक किया जा रहा है। साथ ही जनता के साथ सीधा संवाद किया जा रहा है। उन्होंने कृषि मंत्रालय के माध्यम से चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी नेचुरल फार्मिंग पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने काश्तकारों से एफपीओ (फार्मर्स प्रोडूस आर्गेनाइजेशन) गठित करने की अपील करते हुए कहा कि इससे उपज का उचित मूल्य मिलने के साथ ही अनुदान मिलना आसान हो जाता है।
एस. भानमती ने कहा कि कृषि से जुड़े रहना वर्तमान समय की आवश्यकता है। हमें सुनिश्चित करना है कि किसान लाभ वाली फसल लगाएं तथा योजनाओं का लाभ उठाना सीखें।श्री जिस्नु ने कहा कि सरकार आतमा परियोजना के तहत प्रशिक्षण देकर किसानों की आय में वृद्धि कर रही है। साथ ही गुणवत्तापूर्ण फसलों के उत्पादन की तरफ भी किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। इस दौरान काश्तकारों ने चकबंदी लागू करने की मांग की। काश्तकारों ने कृषि उपकरणों की खरीद में समस्या, बेहतर नर्सरी की अनुपलब्धता, काश्तकारों को पंतनगर विश्वविद्यालय के बजाय स्थानीय स्तर पर भरसार विश्वविद्यालय में प्रशिक्षण की व्यवस्था, सब्सिडी का भुगतान न होने सहित अन्य समस्याएं रखी।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *