लोकतांत्रिक परंपरा को सशक्त बनाने में उत्तराखंड के अनेक जन सेवकों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया : राष्ट्रपति
देहरादून। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तराखंड राज्य विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि समग्र विकास के प्रयासों के परिणामस्वरूप राज्य में मानव विकास सूचकांकों (Human Development Indices) के कई मानकों पर सुधार हुआ है। राज्य में बढ़ती साक्षरता दर पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुर्मू ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं की शिक्षा का दायरा बढ़ा है। उन्होंने कहा कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आई है तथा सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि उत्तराखंड की देवभूमि से अध्यात्म और शौर्य की परंपराएं निरंतर प्रवाहित होती रही हैं। भारत का यह पवित्र भूभाग अनेक ऋषि-मुनियों की तपस्थली रहा है। उन्होंने कहा कि कुमाऊं और गढ़वाल रेजिमेंट के नाम से ही राज्य की शौर्य परंपरा का परिचय मिलता है। मुर्मू ने कहा कि प्रदेश के युवाओं में भारतीय सेना में सेवा कर मातृभूमि की रक्षा करने का उत्साह देखा जाता है। उन्होंने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक परंपरा को सशक्त बनाने में उत्तराखंड के अनेक जन सेवकों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
