राज्य के विभिन्न मुद्दों को लेकर गोष्ठी

अल्मोड़ा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आज एक व्यापक विचार गोष्ठी कुलपति सोबन सिंह जीना विवि  सतपाल सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस गोष्ठी में विभिन्न क्षेत्रों के विषय-विशेषज्ञों, शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, उद्यमियों, जनप्रतिनिधियों तथा बुद्धिजीवियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री उत्तराखंड के मीडिया समन्वयक श्री मदन मोहन सती द्वारा लिखित पुस्तक “नायक से जननायक” तथा “धामी की धमक” पत्रिका का विमोचन भी हुआ। अध्यक्षता करते हुए प्रो सतपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी बहुमुखी नेतृत्वकर्ता हैं। वें समूचे राज्य को एक सूत्र में बांधने का कार्य कर रहे हैं। उनके कार्यकाल के बीते 4 साल वाकई बेमिसाल हैं। इन सालों में राज्य ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। इन उपलब्धियों से हमारा छोटा सा राज्य बड़े बड़े कार्यों वाले राज्य के नाम से जाना जा रहा है। सोबन सिंह जीना विवि के गणित विभाग के ऑडिटोरियम में आयोजित इस गोष्ठी का उद्देश्य बीते चार वर्षों में राज्य में हुए विकास कार्यों की समीक्षा, जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभाव का आकलन तथा भविष्य की प्राथमिकताओं पर सार्थक विमर्श करना रहा। गोष्ठी में सरकार की उपलब्धियों और चुनौतियों को लेकर विचार प्रस्तुत हुए। वक्ताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी केंद्र सरकार से बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए राज्य को आगे बढ़ाते हुए नजर आ रहे हैं। गोष्ठी में राज्य के सतत विकास लक्ष्य में अव्वल रैंक पाना, खनन सुधारों से राजस्व प्राप्तियों में अव्वल स्थान लाना, समान नागरिक संहिता को लागू करना, सख्त भू कानून के जरिए जमीनों की धोखाधड़ी को रोकना, नकल विरोधी कानून, ऋषिकेश कर्णप्रयाग और टनकपुर बागेश्वर रेल लाइन, सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून, घटती बेरोजगारी आदि कार्यक्रमों पर वक्ताओं ने सरकार की प्रशंसा की। वक्ताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में राज्य ने कई प्रमुख क्षेत्रों में अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने चार वर्षों को बेहद प्रभावी, जनहितकारी और सुशासन की दिशा में मील का पत्थर बताया। विशेषज्ञों ने रेखांकित किया कि इन चार वर्षों में राज्य ने शिक्षा क्षेत्र में मॉडल स्कूलों की स्थापना, स्मार्ट क्लासरूम, ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था के विस्तार, छात्रवृत्ति योजनाओं और कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से उल्लेखनीय प्रगति की है। रोजगार और स्वरोजगार के क्षेत्र में भर्ती प्रक्रियाओं के सरलीकरण, पारदर्शी परीक्षाओं, स्टार्टअप इकोसिस्टम को प्रोत्साहन, होमस्टे और पर्यटन आधारित रोजगार में वृद्धि दर्ज की है। गोष्ठी में यह भी चर्चा हुई कि बीते 4 वर्षों में 26 हजार से अधिक नियमित सरकारी नौकरियां दी गई हैं, जो पूरी पारदर्शिता और स्पष्टता के साथ चयन प्रक्रियाओं के माध्यम से संपन्न की गई। सुशासन के तहत सरलीकरण–समाधान–निस्तारण की नीति को प्रभावी रूप से लागू किया गया, जिससे लोगों की शिकायतों के समाधान में तेजी आई है। तकनीकी उन्नति के क्षेत्र में सरकारी सेवाओं का डिजिटलीकरण, ऑनलाइन पोर्टल, ई-ऑफिस प्रणाली और तकनीक आधारित निगरानी ने प्रशासन को अधिक जवाबदेह बनाया है। इसका सीधा लाभ लोगों को मिला तथा लोगों के कार्यों को आसान बनाया है।
वक्ताओं ने कहा कि महिला उत्थान में महिला सुरक्षा, आर्थिक सशक्तिकरण, स्वयं सहायता समूहों और स्वास्थ्य योजनाओं ने मजबूत परिवर्तन को जन्म दिया है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में लखपति दीदी योजना एक गेम चेंजर के रूप में विकसित हो रही है। महिलाओं की आर्थिकी और सामाजिक तरक्की को सुनिश्चित करने के लिए लगातार नए नए प्रयास किए जा रहे हैं।

 

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