पहाड़ियों की परिभाषा बदलने से अरावली का संरक्षण प्रभावित नहीं होगा- केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव

अरावली विवाद पर भूपेंद्र यादव का पलटवार, कांग्रेस के आरोप किए खारिज

नई दिल्ली। अरावली पर्वतमाला को लेकर चल रहे सियासी विवाद के बीच केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कांग्रेस के आरोपों पर तीखा पलटवार किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पहाड़ियों की परिभाषा में बदलाव से अरावली का कोई हिस्सा संरक्षण से बाहर नहीं होगा और कांग्रेस द्वारा फैलाया जा रहा भ्रम तथ्यों से परे है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर इसलिए असहज है क्योंकि केंद्र सरकार ने गुजरात से लेकर दिल्ली तक पूरी अरावली पर्वतमाला में खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी वैज्ञानिक या आधिकारिक अध्ययन में यह साबित नहीं होता कि नई परिभाषा से अरावली के 90 प्रतिशत हिस्से को नुकसान पहुंचेगा।

दरअसल, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया था कि पर्वतीय श्रृंखलाओं की परिभाषा में बदलाव से अरावली क्षेत्र का बड़ा हिस्सा संरक्षण के दायरे से बाहर चला जाएगा, जिससे खनन और अन्य गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भूपेंद्र यादव ने कहा कि भारतीय वन सर्वेक्षण (FSI) के किसी भी अध्ययन में ऐसे दावों की पुष्टि नहीं होती है।

भूपेंद्र यादव ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर विपक्ष पर्यावरण संरक्षण को लेकर वास्तव में गंभीर होता, तो उसे यह भी बताना चाहिए कि अरावली क्षेत्र को सबसे ज्यादा नुकसान किसके शासनकाल में हुआ। उन्होंने कांग्रेस नेताओं से सवाल किया कि वे अपने ही दल के वरिष्ठ नेताओं से अरावली के क्षरण को लेकर जवाब क्यों नहीं मांगते।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार अरावली पर्वतमाला को संरक्षित और पुनर्जीवित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती सरकारों के दौरान इस क्षेत्र में अवैध खनन और अंधाधुंध गतिविधियों से भारी नुकसान हुआ, जिसकी भरपाई अब की जा रही है।

गौरतलब है कि हाल ही में पहाड़ियों की नई परिभाषा तय की गई है, जिसके अनुसार किसी क्षेत्र को पहाड़ी तब माना जाएगा जब उसकी ऊंचाई आसपास के भूभाग से कम से कम 100 मीटर अधिक हो। वहीं, अरावली पर्वतमाला को दो या उससे अधिक ऐसी पहाड़ियों के समूह के रूप में परिभाषित किया गया है, जो 500 मीटर के दायरे में स्थित हों। विवाद बढ़ने के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों को निर्देश जारी करते हुए अरावली क्षेत्र में नए खनन पट्टों पर पूरी तरह रोक लगाने का आदेश दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *