एक्सिस बैंक ने लॉन्‍च किया जीआईजी-ए-ऑपर्च्‍यूनिटीज

देहरादून।  भारत के तीसरे सबसे बड़े प्राइवेट बैंकएक्सिस बैंक ने आज जीआईजी-ए-ऑपर्च्‍यूनिटीज लॉन्‍च किया। यह वैकल्पिक कार्य मॉडल्‍स के लिए एक प्‍लेटफॉर्म हैजो भारी लचीलेपनविविधता और समावेशन को बढ़ावा देता है। भौतिक सीमाओं को समाप्‍त करने में तकनीक की महत्‍वपूर्ण भूमिका को देखते हुएइस महामारी के मद्देनजर सभी भौतिक अवरोधों से बाहर अपना स्‍वयं का कार्य परिवेश बनाने के प्रति लोगों का झुकाव तेजी से बढ़ा है। पिछले कुछ महीनों में कार्य और कार्य परिवेश दोनों के ही स्‍वरूप में बाध्‍यतापूर्ण बदलाव हुए हैं। एक्सिस बैंक का जीआईजी-ए-ऑपर्च्‍यूनिटीज‘ ऐसा एकीकृत वर्क मॉडल एवं समाधान है जो नई प्रतिभाओं के बढ़ते पूल के लिए लचीलेपन एवं सरलता की आवश्‍यकता पूरी करते हुए बड़ी कंपनियों की विविधतापूर्ण कौशल आवश्‍यकताएं पूरी करता है। जैसा कि जीआईजी-ए-ऑपर्च्‍यूनिटीज‘ के नाम से पता चलता हैयह रोजगार बाजार में बड़े अवसरों के लिए है। इससे डिजिटल बैंकिंगटेक्‍नोलॉजीरिस्‍क मॉडलिंगवर्चुअल सेल्‍सऑडिट एवं क्रेडिट पॉलिसी में बड़ी संभावनाओं के द्वार खुलेंगेजो कि इस मॉडल के पायलट ऑफर्स का पहला सेट है। इसमें दो वर्क मॉडल्‍स – 1) 100 प्रतिशत वर्चुअल रोल्‍स और 2) लचीलेप्रोजेक्‍ट-आधारित अल्‍पकालिक संविदाओं के जरिए प्रतिभाओं को आकर्षित करेगा। पेशकश किये गये ये रोजगार, फ्रीलांस या वर्क फ्रॉम होम के परंपरागत एसोसिएशन से परे है। इस पहल के बारे मेंएक्सिस बैंक फाउंडेशन के चेयरमैन और टिस के चेयरमैनएस. रामोदरईने कहा, ”जीआईजी-ए-ऑपर्च्‍यूनिटीज एक विशाल मंच है जो स्‍पष्‍ट रूप से फ्यूचर ऑफ वर्क की दिशा है। एक्सिस बैंक की यह पहल अत्‍यंत स्‍वागत योग्‍य है। घर से काम करने और व्‍यक्ति की क्षमताओं को परिभाषित करने की छूट का विकल्‍प लिंग संतुलन व समावेशीपन सहित भविष्‍य के लिए छिपी अथाह प्रतिभा को सामने लायेगा।इस नये प्‍लेटफॉर्म के जरिए वर्क फ्रॉम एनीव्‍हेयर‘ संभव हो सकेगा और कुशल विशेषज्ञों के लिए लचीलापन एवं सरलतापूर्वक परिचालन सुनिश्चित हो सकेगा। इसलिएइसे देश के छोटे से छोटे शहरों व नगरों से लेकर महानगरों तक में रह रहा विशाल टैलेंट पूल एक्‍सेस कर सकेगा और इससे सीमा-पार सहयोगों की संभावना का द्वार भी खुलेगा। यह एक शानदार अवसर प्रदान करता है कि ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत की कोई भी प्रतिभा कहीं पीछे छूट न जाये और किसी भी क्षेत्र में रहने शिक्षितकुशल युवा आगे बढ़ सकें। विभिन्‍न टैलेंट पूल के लिए एक्‍सेस बढ़ने के साथ विविधता व समावेशन को भारी बल मिलेगा और इसका लाभ परंपरागत रूप से अनदेखी कर दिये जाने वाले अभ्‍यर्थियों जैसे कि घरेलू महिलाओंदिव्‍यांग व्‍यक्तिभिन्‍न आयु वर्गों वाले व्‍यक्ति आदि को भी मिल सकेगा। एक्सिस बैंक के ईवीपी और हेड – एचआरराजकमल वेमपतिने कहा, ”एक्सिस बैंक ने हमेशा से कुशल बने रहने में विश्‍वास किया है और पिछले वर्षों के हमारे हायरिंग एप्रोच में समय के साथ आये बदलाव की झलक मिलती है। जीआईजी-ए को अपनाया जाना आधुनिक दौर के अनुसार हमारे बैंक की अनुकूलता को प्रदर्शित करने का एक और तरीका है – हम समझते हैं कि योग्‍यता या डिग्री जैसे स्‍थैतिक मानदंड अब नियुक्ति के कॉल लेटर नहीं रहे और प्रमुख रूप से कुशलताओं के आधार पर एसोसिएशंस होंगे। हमें पूरा विश्‍वास है कि यह इंडस्‍ट्री के लिए एक अभूतपूर्व पहल होगी जहां विभिन्‍न क्षेत्रों के कुशल कार्यबल को रोजगार तलाशने का अवसर मिलेगा।एक्सिस बैंक को उम्‍मीद है कि अगले तीन वर्षों में वैकल्पिक वर्क मॉडल्‍स में 15 प्रतिशत तक इंक्रीमेंटल हायरिंग होगीऔर इससे टैलेंट पूल में विविधता को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *