जरूरतमंदों को मदद पहुंचाना सुंदर सिंह चौहान का जुनून
सतपुली। जनपद पौड़ी के सतपुली महासीर मछली के लिए जाना जाता था, लेकिन अब सतपुली का नाम जुबान पर आते ही क्षेत्र के जाने माने समाजसेवी और जनपद के उद्योगपति सुंदर सिंह का नाम हर किसी के जुबान पर आता है। मिलनसार एवं मृदुल स्वभाव के धनी चौहान हर किसी के चहेते हैं। वह क्षेत्र में गरीबों के लिए मसीहा है। वह हर व्यक्ति के साथ हरपल खड़े रहते हैं, चाहे सुख हो या दुख। सुंदर सिंह चौहान निस्वार्थ भाव से दीनदुखियों की सेवा तन,मन,धन से करते हैं। वह समाज सेवा के कार्य से जुड़े हुए हैं, उन्हें सुर्खियों में रहना बिल्कुल भी पसन्द नहीं। वह कहते हैं कि है कि हमें नही दिखाना की उसने यह काम किया। उनके कार्यों को स्थानीय स्तर पर लोगों ने खूब सराहा और सम्मान भी दिया। चौहान जमीन से जुड़े होने के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर स्थानीय लोगों को रोजगार देकर उनके परिवार का भरण पोषण में सहायक है। जरूरतमंदों के लिए हर समय मौजूद है और अब उन्होंने अपने वानप्रस्थ जीवन में एक ओर बीड़ा उठाया है कि, उत्तराखंड सहित पूरे देश के तिरस्कृत उपेक्षित और असहाय बुजुर्गों को उनके जीवन के अंतिम पड़ाव में सेवा कर पुण्य लाभ कमाया जाए। ठाकुर सुंदर सिंह चौहान ने अपने कार्यक्षेत्र सतपुली को ही अपनी समाज सेवा के केंद्र के रूप में चुना है। मजदूरी करने से लेकर आज पौड़ी जिले के श्रेष्ठ उद्योगपतियों में स्थान बनाने वाले चौहान पौड़ी जिले के एक सफल उद्योगपति तो है ही साथ ही निस्वार्थ भाव से समाज सेवा करने वाले समाज सेवक भी हैं। वर्तमान में 100 से ज्यादा लोगों को रोजगार देकर उनके परिवार अन्नदाता बने चौहान सतपुली में होटल व्यवसाय करते हैं तो सतपुली से आगे 6 किलोमीटर दूरी पर उनके द्वारा स्टोन क्रेशर, बॉटलिंग प्लांट भी लगाया है। जहां स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिला है। सुंदर सिंह चौहान ने बताया कि, उनका एक सपना था कि जब आर्थिक रूप से सक्षम होंगे तो पहाड़ में कुछ ऐसी जन सेवा करेंगे जिससे उनका जीवन तो सार्थक होगा ही साथ ही समाज के लिए सार्थक बन सके। समाज के तिरस्कृत, उपेक्षित और असहाय बुजुर्गों को सम्मान से जीने का सुख मिल सके, उनके लिए एक ऐसे आश्रम स्थापना कर जिसमें उन्हें अपने मनुष्य जीवन में आने पर दुख नहीं होगा खुशी होगी। ऐसा माहौल वाला वृद्धाश्रम तैयार करना उनके जीवन का उद्देश्य है। 70 वर्ष से अधिक की आयु के चौहान अपने वृद्ध आश्रम में बुजुर्गों को सब सेवाएं देने का प्रण लिए हैं, जो तिरस्कार का एहसास ना होने दें। वृद्धाआश्रम मे अभी 50 से 60 लोगों की व्यवस्था है लेकिन जरूरत पड़ने पर इसे और अधिक संख्या वाला बनाया जाएगा। चौहान द्वारा अपने क्षेत्र और पौड़ी जिले के कई गरीब निराश्रित बच्चों को शिक्षा दीक्षा, गरीब निर्धन कन्याओं पर विवाह का पूरा खर्च उठाना और निराश्रित विधवा महिलाओं को सम्मान से जीने के लिए उन्हें स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के लिए भी प्रेरित करने जैसे कार्य को प्रेरणा दी जा रही है। एक ओर पुनीत कार्य ठाकुर चौहान के द्वारा अपने क्षेत्र में किया जाता है। जब आसपास के गाँवो से किसी व्यक्ति शव नयार नदी के तट पर लाया जाता है, तो शव दाह के पश्चात दूर से आए लोगों को निशुल्क भोजन की सुविधा दिलाने जैसा पुनीत कार्य भी किया जाता है। ठाकुर सुंदर सिंह चौहान समाज सेवा के लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं जो निस्वार्थ सेवा करना चाहते हैं। बिना सरकारी मदद के वृद्ध आश्रम की स्थापना करना जरूरतमंदों को मदद पहुंचाना ठा० सुंदर सिंह चौहान का जुनून बन चुका है।
