पंचायत राज के आउटसोर्स कर्मियों के समर्थन में उक्रांद का अनशन
देहरादून। पंचायत राज विभाग के 95 कनिष्ठ अभियंता और 281 डाटा एंट्री ऑपरेटर को 11 महीने तक काम पर रखने बाद बजट का अभाव का बहाना बनाकर काम से इन कर्मचारियों को बर्खास्त करने के विरोध में उक्रांद कार्याकर्ताओं ने शुक्रवार को अनशन स्थल पर पहुंच कर पंचायत राज आउटसोर्स कर्मियों के अनशन को समर्थन दिया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान उक्रांद ने काम से हटाए गये कर्मचारियों को पुनः काम पर लेने की मांग की।पंचायत राज विभाग के आउटसोर्स कर्मचारियों के अनशन को उत्तराखंड क्रांति दल ने भी अपना समर्थन दिया है। शुक्रवार को उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ता अनशन स्थल पर गए और उनके समर्थन में उपवास पर बैठ गए। उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने पंचायत राज विभाग के कर्मचारियों के समर्थन में धरना प्रदर्शन और नारेबाजी की। इसके साथ ही उत्तराखंड क्रांति दल के संगठन सचिव उमेश खंडूड़ी आज धरना स्थल पर कर्मचारियों के समर्थन में उपवास पर रहे।

इस दौरान उत्तराखंड क्रांति दल के नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि र्मचारियों के आंदोलन को ई माह हो चुके हैं लेकिन शासन, प्रशासन कर्मचारियों की मांगों से मुंह मोेड रखा है। सेमवाल ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार चाहे तो मात्र आधा परसेंट के विभागीय बजट से इन कर्मचारियों के वेतन की समस्या को हल कर सकती है, लेकिन त्रिवेंद्र सरकार इन कर्मचारियों के प्रति संवेदनशील नहीं है। उत्तराखंड क्रांति दल के संगठन सचिव उमेश खंडूड़ी ने कहा कि पंचायत राज विभाग के आउटसोर्स कर्मचारियों को सरकार को जरा भी चिंता नहीं है। खंडूड़ी ने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल बर्खास्त कर्मचारियों के साथ खड़ा है। उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय संगठन मंत्री संजय बहुगुणा ने कर्मचारियों के समस्या को लेकर शासन और प्रशासन से बात करने की बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों की मांग को लेकर कोई हल जल्द नहीं निकाला तो जन आंदोलन छेड़ा जाएगा। उत्तराखंड क्रांति दल की युवा मोर्चा की जिला अध्यक्ष सीमा रावत ने कहा कि इन कर्मचारियों के मांगों े समर्थन में युवा मोर्चा जल्दी ही आंदोलन छेड़ेगा। गौरतलब है कि पंचायत राज विभाग के 95 कनिष्ठ अभियंता और 281 डाटा एंट्री ऑपरेटर को 11 महीने तक काम देने के बाद सरकार ने बजट के अभाव में इन कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था। मार्च में इन कर्मचारियों को काम से निकाला गया था। तब कोरोना अपने चरम पर था। आउट सोर्स कंपनी ने इन कर्मचारियों का पीएफ और अन्य वेतन के मद में भुगतान नहीं किया है लेकिन आउटसोर्स कंपनी भी इन कर्मचारियों की बात सुनने को तैयार नहीं है।
कर्मचारियों का कहना है कि विभागीय मंत्री अरविंद पांडे उन्हें सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने उन्हें अभी तक मिलने का वक्त नहीं दिया है। कर्मचारियों का कहना है कि वह अब आमरण अनशन पर बैठ गए हैं और तब तक अपना आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती।
