पाकिस्तान मूल की अमेरिकी महिला को चार साल की सजा
चम्पावत। गत वर्ष जून माह में बिना पासपोर्ट और बीजा के बनबसा इमिग्रेशन चेक पोस्ट में गिरफ्तार की गई पाकिस्तानी मूल की अमेरिकी महिला फरीदा मलिक को कोर्ट ने चार साल की सजा के साथ 30 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
फरीदा मलिक पुत्री सुल्ताना अख्तर को लगभग दस माह पूर्व उस समय बनबसा के इमिग्रेशन चैक पोस्ट पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार किया था जब वह नेपाल के काठमांडू से आकर भारत के बनबसा के रास्ते दिल्ली जाने का प्रयास कर रही थी। गिरफ्तारी के बाद इमिग्रेशन अधिकारियों ने महिला को पुलिस के सुपुर्द कर दिया था। पुलिस को उसने बताया था कि वह पाकिस्तान में पैदा हुई और उसने अपने परिवार के साथ वर्ष 1992 में अमेरिका की नागरिकता ले ली थी और तब से वह अमेरिका में ही रहती है। उसने बताया कि उसका पासपोर्ट काठमांडू में रह गया है।
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जरूरी कार्रवाई करने के साथ अवैध रूप से भारत में घुसने के प्रयास में महिला के खिलाफ चम्पावत की अदालत में मामला दर्ज किया। मामले की गहन पड़ताल के बाद साक्ष्यों के आधार पर सीजेएम धर्मेंद्र कुमार सिंह की अदालत ने महिला को दोषी पाते हुए चार साल के कारावास एवं 30 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।