कुंभ में बिना टेस्ट रिपोर्ट के नो एन्ट्री

हरिद्वार। कोरोना के चलते इस बार कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को 72 घंटे पूर्व तक की आरटी.पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट पेश करनी होगी और रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही उसे कुंभ क्षेत्र में प्रवेश दिया जाएगा।
इस बार कोरोना के चलते कुभ में आने वाले ऋद्धालुओं को पहले अपनी मेडिकल रिपोर्ट पेश करनी होगी और रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही कुंभ क्षेत्र में प्रवेश पा सकेंगे। इस बार राज्य सरकार ने अमरनाथ यात्रा के तर्ज पर पंजीकरण की व्यवस्था करने जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हरिद्वार कुंभ के लिए एसओपी जारी कर दी है। केंद्र ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार को श्रद्धालुओं के लिए पंजीकरण की व्यवस्था करनी होगी। इसके लिए अमरनाथ यात्रा पंजीकरण मॉडल को अपनाया जा सकता है, जिसमें श्रद्धालुओं को अपने अपने राज्यों से अनिवार्य स्वास्थ्य परीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
बिना स्वास्थ्य रिपोर्ट के कुंभ क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। मेले को कोविड संक्रमण से बचाने के लिए दूसरे राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को 72 घंटे पूर्व तक की आरटी.पीसीआर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। केंद्र सरकार ने 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों, बीमार और गभर्वती महिलाओं के साथ ही दस साल से कम उम्र के बच्चों को भी कुंभ के प्रति हतोत्साहित करने के लिए कहा है। राज्य सरकार इसके लिए अन्य राज्य सरकारों के साथ भी समन्वयक स्थापित करेगी।
केंद्र सरकार ने कुंभ के दौरान भीड़भाड के बावजूद लोगों के बीच न्यूनतम छह फीट की दूरी रखने को कहा है। मेला क्षेत्र में फेस मास्क, सोशल डिस्टेंस जैसे मानकों का पालन न करने वालों पर सख्ती बरतने को कहा गया है। गाइडलाइन के मुताबिक राज्य सरकार कुंभ क्षेत्र के प्रवेश द्वार और पार्किंग एरिया में भी सरकारी दरों पर फेस मास्क उपलब्ध कराएगी। जरूरतमंदों को निशुल्क फेसमास्क भी दिए जाएंगे। केंद्र ने मेला क्षेत्र में लोगों की आवाजाही एक समान बनाए रखने को कहा है। किसी भी समय में एक ही वक्त में ज्यादा भीड़ नहीं रुकने देने के निर्देश दिए गए हैं। गाइडलाइन के मुताबिक मेला प्रशासन को सार्वजनिक स्थानों पर अधिक से अधिक हाथ धोने की सुविधा देगा, साथ ही सार्वजनिक शौचालय और अन्य स्थलों की दिन में दो बार सेनिटाइज किया जाएगा। सार्वजनिक स्थल पर थूकने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। सभी श्रद्धालुओं को आरोग्य सेतू डाउनलोड करना अनिवार्य होगा।

  • आरटी.पीसीआर टेस्ट 

रियलटाइम polymerase chain reaction इस टेस्ट का प्रयोग किसी भी व्यक्ति के शरीर के अंदर वायरस का पता लगाने के लिए किया जाता है। इसके लिए शरीर के विभिन्न हिस्सों से सैंपल लिए जाते हैं। सामान्य तौर पर नैजल स्वैब, थ्रोट स्वैब सैंपल लिए जाते हैं यानी नाक की म्यूकोजा और गले की म्यूकोजा की अंदर वाली परत से स्वैब लिए जाते हैं। इसकी रिपोर्ट 6 से 8 घंटे में आती है और 32 प्रतिशत व्यक्तियों को इंफेक्शन होते हुए भी रिपोर्ट निगेटिव हो सकती है। इस टेस्ट से केवल यह पता चलता है कि कोरोना वायरस आपके शरीर के अंदर मौजूद है। आगे चलकर आपको कितना गंभीर संक्रमण करेगा या आगे चलकर भी इसके कोई लक्षण आएंगे या नहीं आगे कुछ परेशानी हो सकती हैं या नहीं, यह नहीं बताता। इसलिए जिनमें कोई लक्षण नहीं होते,उनमें भी ये टेस्ट पॉजिटिव आता है। ये बहुत ही specific टेस्ट होते हैं। रियल टाइम पीसीआर टेस्ट में पॉजिटिव आने पर अस्पताल या घर में आइसोलेशन में रखा जाता है, वहीं रियल टाइम पीसीआर टेस्ट निगेटिव आने पर माना जाता है कि उसमें कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *