हमारे पर्व,त्योहारों और संस्कृति को आगे बढ़ाएं युवा : धामी

जनमंच टुडे। चम्पावत। टनकपुर शारदा घाट को हरिद्वार के हरकी पौड़ी की तर्ज पर विकसित करने के क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संध्याकालीन आरती कर मां शारदा से प्रदेश के सुख और शांति की कामना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मां शारदा की नियमित आरती से जिले को धार्मिक पर्यटन में काफी प्रसिद्धि मिलेगी। उन्होंने कहा कि शारदा मां की पावन भूमि पर मकर सक्रांति, उत्तरायणी जैसे अनेक नाम से जाने जाने वाले इस पर्व को मनाया जा रहा है। आप सभी को मकर सक्रांति की बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं। आज के दिन से धीरे-धीरे प्रकाश बढ़ने लगता है, रुके हुए काम प्रारंभ हो जाते हैं, ये दिन भीष्म पितामाह भीष्म को भी स्मरण करने का दिन जिन्होंने अपने प्राण सूर्य के उत्तरायण आने पर त्यागे। हमने तय किया है कि बागेश्वर, देवप्रयाग, टनकपुर, हरिद्वार अनेक स्थानों पर यह पर्व मनाया जाय। हमारा प्रयास है हमारे लोकप्रिय त्योहार, लोक संस्कृति जो हमारे पूर्वज जिन मान्यताओं के साथ लगातार मनाते आए हैं। वैसे ही हमारी आगे की पीढ़ी भी संस्कृति को लगातार आगे बढ़ाए और पीढ़ी दर पीढ़ी आगे हस्तांतरित हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का मान, सम्मान बड़ा है। आज हमारे नदियों की सफाई के लिए निर्मल गंगा अभियान चलाया जा रहा है, जिसके माध्यम से गंगा और गंगा की जितनी भी सहायक नदियां हैं उन सभी सहायक नदियों को स्वच्छ बनाने का काम इस अभियान के तहत किया जा रहा है। आज शुभ दिन है और विधिवत रूप से यहां शारदा मां की आरती कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। मां पूर्णागिरि मैया का मेला लगता है यहां पूरे देशभर से श्रद्धालु आते हैं और पूर्णागिरी के दर्शन करते हैं। वे सभी श्रद्धालु लोग मां पूर्णागिरि मैया के दर्शन करें और साथ ही मां बाराही, गोरखनाथ, हिंगला देवी आदि, के भी दर्शन करें और श्यामलाताल जेसे पर्यटन स्थलों तक पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि चम्पावत को आदर्श जिला बनाने की ओर हम लगातार कार्य कर रहे हैं।  उन्होंने कहा वर्ष 2023 को मिलेट वर्ष के रूप में घोषित किया गया। राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार से अनुरोध किया था कि मडुवा को केंद्र सरकार के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में सम्मिलित किया जाए। मडुवा को भी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में शामिल कर लिया है, जिससे हमारे किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा ताकि वो और उन्नत तरीके से खेती के लिए प्रेरित हो। इससे पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा शारदा नदी के दाएं पार्श्व पर घसियारामण्डी बस्ती में शारदा नदी के किनारे 607.48लाख की लागत के आपदा न्यूनीकरण मद के कार्यों का भूमिपूजन किया गया।

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