तीर्थयात्रा में घोड़े, खच्चर की मृत्यु पर शासन देगा सहायता राशि
रुद्रप्रयाग। प्रदेश में चल रही चारधाम तीर्थयात्रा में किसी घोड़े या खच्चर की मृत्यु होने पर राज्य सरकार उसके मालिक को 32 हजार रुपए की मुआवजा राशि देगी। साथ ही यात्रा मार्ग पर उपयोग में लाये जाने वाले सभी खच्चरों का बीमा भी करवाया जाएगा। पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि क्वारंटीन में रखे गए पशुओं का इलाज पूरी तरह निःशुल्क होगा और घर ले जाने वाले पशुओं के इलाज व चारे पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। पशुपालन मंत्री ने रुद्रप्रयाग जिले के सोनप्रयाग पहुंचकर चारधाम यात्रा मार्ग की पशु प्रबंधन और यात्री सुविधाओं का जायजा लिया। रामपुर स्थित जीएमवीएन अतिथि गृह में आयोजित समीक्षा बैठक में श्री बहुगुणा ने बताया कि इक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस की रोकथाम के लिए यात्रा मार्ग पर चार पशु चिकित्सा केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें प्रत्येक केंद्र पर 15 सदस्यीय टीम तैनात रहेगी। इस टीम में डॉक्टर, पुलिसकर्मी और अन्य कर्मचारी शामिल होंगे। इस बीच, स्वस्थ्य घोषित किये गए घोड़े-खच्चरों की मदद से आज से राशन सामग्री केदारनाथ पहुंचाई जा रही है। अगले तीन दिन तक ट्रायल के तौर पर घोड़े-खच्चरों के जरिये राशन केदारनाथ पहुंचाया जाएगा। यदि परिस्थितियां सही रहती हैं और यात्रा मार्ग पर संतोषजनक व्यवस्थाएं मिलती हैं तो सीतापुर, रामपुर और त्रियुगीनारायण से भी खच्चरों को यात्रा में शामिल किया जा सकेगा। पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि गौरीकुंड में स्वस्थ घोषित किए गए घोड़ा-खच्चरों का परीक्षण पूरा होने के बाद ट्रायल के तौर पर आज से संचालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ट्रायल के दौरान व्यवस्थाएं संतोषजनक मिलीं तो सीतापुर, रामपुर और त्रियुगीनारायण से भी खच्चरों को यात्रा में शामिल किया जाएगा। इसके बाद ही डॉक्टरों की निगरानी में अन्य घोड़ा-खच्चरों को यात्रा की अनुमति दी जाएगी।
