गंगा की सहायक नदियों की अविरलता व निर्मलता को लेकर मंथन
ऊखीमठ। गंगा व उसकी सहायक नदियों की अविरलता व निर्मलता को बनाये रखने के उद्देश्य से जिला कार्यालय कक्ष में अध्यक्ष जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए अध्यक्ष जिलाधिकारी जिला गंगा संरक्षण समिति मनुज गोयल ने जनपद में अवस्थित ऐसे नाले जिनका पानी एसटीपी ,सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में नहीं जाता, उन नालों के पानी की गुणवत्ता व जल प्रवाह की माप के निर्देश परियोजना प्रबन्धक पेयजल निगम को दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि वर्तमान में जनपद में छह एसटीपी कार्यरत है। एसटीपी में कार्यरत कार्मिकों द्वारा दूषित जल के शुद्धिकरण, उपचार हेतु प्रयुक्त क्रियाविधि की जानकारी को प्रेजेंटेशन के माध्यम से देने के निर्देश परियोजना प्रबन्धक पेयजल निगम को दिए। जनपद में क्रियाशील छह एसटीपी का एक सप्ताह के भीतर निरीक्षण कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के निर्देश उपजिलाधिकारी, अधिशासी अभियन्ता जल निगम व अधिशासी अधिकारी नगरपालिका को दिए।
स्वजल विभाग द्वारा गंगा से लगे गाँव में किए जा रहे ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन के कार्यों यथा.सोख्ता पिट,गोबर गड्ढा, नाली आदि कार्य को एक माह के भीतर पूर्ण करने के निर्देश तकनीकी सहायक स्वजल को दिए। खंड विकास अधिकारी, सहायक अभियंता सिंचाई व तकनीकी सहायक, स्वजल की समिति गठित की गई जिनका कार्य स्वजल विभाग के कार्यों का थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन करना होगा। समिति द्वारा मौके पर कार्यों की जांच की जाएगी।
बैठक में जिलाधिकारी ने अधिशासी अधिकारी नगरपालिका व नगरपंचायत को ट्रेंचिंग भूमि के चिन्हीकरण हेतु भौगोलिक सूचना तंत्र की सहायता से भूमि का चिन्हीकरण करने को कहा जिससे मानकानुसार भूमि की उपलब्धता का आसानी से पता लगाया जा सके। साथ ही बैठक में परियोजना प्रबन्धक स्वजल, अधिशासी अभियंता आर ई एस, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुपस्थित होने पर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर डीएफओ वैभव कुमार, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, अधिशासी अभियंता सिंचाई हुकुम सिंह रावत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
- ऊखीमठ से वरिष्ठ पत्रकार, लक्ष्मण सिंह नेगी।
