बड़ोनी के जीवन संघर्ष से प्रेरणा लें : ध्यानी

उक्रांद ने बडोनी की जयंती को संकल्प दिवस के रूप में मनाया 

देहरादून। उक्रांद ने पहाड़ के गांधी स्व इंद्रमणि बड़ोनी की 95 वीं जयंती को संकल्प दिवस के रूप में उक्रांद ने मनाया। मौके पर कार्याकर्ताओं ने उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन के अग्रणी नेता व पहाड़ के गांधी स्व इंद्रमणि बडोनी की जयंती पर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी और उनके सपनों के राज्य को साकार करने का संकल्प लिया। इस मौेके पर उक्रांद के वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन में स्व बडोनी का योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने राज्य प्रान्ति के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया। स्व बडोनी के त्याग और बलिदान को उत्तराखंड सदैव याद रखेगा और उत्तराखंड आंदोलन में उनका नाम हमेशा स्वर्णिम अक्षरों में अंकित रहेगा। बडोनी 1994 के राज्य आंदोलन के सूत्रधार थे। पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के लिये उनकी संकल्पना एवं राज्य निर्माण के संघर्ष में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। वक्ताओं ने कहा कि जिस राज्य की कल्पना बड़ोनी ने की थी राज्य बनने के 20 वर्षो बाद भी साकार नहीं हो पाई है।

बृहस्पतिवार को उक्रांद कार्यकर्ता प्रातः 11 बजे घंटाघर पर स्थित बड़ोनी की प्रतिमापर माल्यापर्ण कर उन्हें नमन किया। इस मौके पर दल के संरक्षक बीडी रतूडी ने श्रद्धांजलि देते हुये उन्हें नमन किया। इस मौके पर कार्यालय में आयोजित गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी को संबोधित करते हुये वक्ताओं ने बड़ोनी के जीवन पर प्रकाश डाला। इस मौके पर सुनील ध्यानी ने कहा कि बड़ोनी के जीवन संघर्ष से हमे प्रेणा लेनी चाहिये। उत्तराखंड राज्य आंदोलन को की अगुवाही अहिंसक रूप में लेकर गये। ध्यानी ने कहा कि बड़ोनी में नेतृत्व की क्षमता, सवांद के द्वारा लोगों को पक्ष में करना राज्य आंदोलन को अहिंसक रूप से अगुवाही करने की क्षमता थी इस लिए उन्हें पहाड़ के गांधीके नाम से पुकारा गया। बड़ोनी के जन्म दिन को शासन संस्कृति दिवस के रूप में मनाती है। उनके जन्मदिन को सरकार द्वारा संस्कृति दिवस के रूप में मनाने का अर्थ है कि वे एक कुशल रंगकर्मी थे। पांडव नृत्य और माधो सिंह भंडारी का मंचन की शुरुआत बड़ोनी ने ही शुरू किया था। पहला मंचन उन्होंने मलेथा से शुरू किया था। इन नाटकों का मंचन व कुशल निर्देशन उन्होंने 26 जनवरी 1957 में दिल्ली में किया था। इस अवसर पर लताफत हुसैन, जय प्रकाश उपाध्याय, बहादुर सिंह रावत, देवेंद्र चमोली, रेखा मिंया, शकुंतला रावत, जब्बर सिंह पावेल, राजेन्द्र बिष्ट, अशोक नेगी, किरन रावत कश्यप, शिव प्रसाद सेमवाल,सीमा रावत, अनिल डोभाल, ब्रजमोहन सजवाण, राकेश बिष्ट, सतीश नौटियाल,अंकेशभण्डारी, शैलेश खत्री, कमल कांत, अरबिंद बिष्ट,विनीत सकलानी,एअरबिंद बिष्ट, विजेंदर रावत आदि कार्यकर्ता मौजूद थे।

 

 


इस अवसर पर स्व०बड़ोनी जी के जन्मदिवस से प्रेरणा लेते हुये श्री विशन कंडारी पूर्व जिला सह संयोजक सहकारिता प्रकोष्ठ टिहरी भाजपा,अमर सिंह धुंता आर टी आई एक्टिविस्ट, युवा दिगंबर सिंह ने उत्तराखंड क्रान्ति दल में शामिल हुये।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *