विकास में बुरी तरह पिछड़ा चौबट्टाखाल विस् क्षेत्र : रावत

देहरादून। पूर्व सांसद प्रत्याशी व यूकेडी डेमोक्रेटिक के चौबट्टाखाल विस् क्षेत्र के प्रभारी इं डीपीएस  रावत ने कहा कि बीजेपी कांग्रेस के राज मे चौबट्टाखाल  विस क्षेत्र पूरी तरह से पिछड़ गया है। रोजगार के साधन उपलब्ध न होने पलायन के चलते  गाँव के गाँव खाली हो चुके हैं। विस चुनाव में जनता से जो वायदे किए गए थे, वह आज तक पूरे नहीं हो पाए हैं, जिससे क्षेत्रीय लोगों में रोष बना हुआ है। रावत ने कहा कि चुनाव के समय जनता के सुख दुख का दावा करने वाले जनप्रतिधि चुनाव जीतने के बाद लोगों के दुख दर्द को भूल गए,चौबट्टाखाल विस् क्षेत्र विकास के मामले पे पूरी तरह से पिछड़ गया है। विस क्षेत्र के  दौरान रावत ने कहा कि  उन्हें कहीं भी विकास धरातल पर नजर नहीं आया।


विकासखंड बीरोंखाल मे ग्राम भमराईखाल के लोगोंं से मुलाकात के दौरान ग्रामीणों ने रावत को बताया कि  राज्य बनने के 20 सालों बाद भी चौबट्टाखाल विस कोई तरकी नहीं कर पाया। विकास के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई है। ग्रामीणों ने बताया कि जनप्रतिधि चुनाव के समय बड़े, बड़े वादे करते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद विकास की बात तो बहुत दूर की रही, वह  पलट कर देखते तक नहीं। रावत ने कहा कि चौबट्टाखाल की जनता राज्य बनने के 20 सालों बाद भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रही है।उन्होंने कहा कि चौबट्टाखाल विस क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को राज्य का प्रतिनिधि करने का मौका मिला, इसके वावजूद क्षेत्र का रतिभर का विकास नहीं हुआ। क्षेत्र में पर्यटन, बागवानी, जड़ी, बुटी  उत्पादन की असीम संभावनाएं हैं, लेकिन सरकार के नुमाइंदे इस ओर मुंह फेरे हुए हैं। रावत ने कहा कि सतपाल, महाराज यहां से चुनाव जीते और मंत्री बने, लेकिन चौबट्टाखाल विस की हालत जस की तस बनी हुई है। इससे पूर्व में अमृता रावत  ने इस विस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था। रावत ने कहा कि क्षेत्र में सड़कों की हालत दयनीय बनी हुई हैं, सड़कों का डामरीकरण न होने से लोग जान जोखिम में डालकर यात्रा करने को विवश हैं।

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रावत ने कहा कि चुनाव के समय नेता पकडण्डी चढ़ रहे हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद वह क्षेत्र के विकास के नाम , रोजगार, स्वरोजगार के नाम पर या तो ये धारण कर लेते हैं या फिर क्षेत्र में दिखाई ही नहीं देते और चौबट्टाखाल विस् की यह नियति बन चुकी है। राज्य बनने के बाद पहाड़ की हालत दयनीय बन गए हैं। इसके लिए राष्ट्रीय पार्टी जिम्मेदार है। रावत ने कहा कि पहाड़ में रोजगार के असीम संभावनाएं हैं। पहाड़ में रोजगार-स्वरोजगार लघु कुटीर उद्योग, बागवानी टूरिज्म के बहुत अवसर हैं, लेकिन जितने भी सरकारें आई किसी ने भी पहाड़ के विकास पर ध्यान नही दिया। नीति नियंता एसी रूम में बैठकर ही योजनाएं बनाते रहे। पलायन रोकने के लिए योजनाए व नीति नही बनाई, जिसके चलते गाँव के गाँव खाली हो गए। 20 साल बाद भी सरकारें पहाड़ के लोगों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, बेहतर शिक्षा, रोजगार, सड़कें, पानी तक उपलब्ध नही करा पाएं। बुनियादी सुविधाओं व रोजगार की कमी के चलते लोग पलायन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि  राष्ट्रीय पार्टियां पहाड़ की लगातार अनदेखी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आगामी विस् चुनाव में उन्हें जनता के सवालों का जवाब देना होगा। रावत ने कहा कि जनता अब राष्ट्रीय पार्टियों  से ऊब चुकी है। उन्होंने कहा कि जनता अब  क्षेत्र के चहुमुखी विकास के लिए क्षेत्रीय दलों की और आशा भरी नजरों से देख रही है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय पार्टी ही पहाड़ के  विकास की सोच रखती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड क्रान्ति दल डेमोक्रेटिक ही पहाड़ का विकास कर सकता है। उन्होंने कहा कि जनता गैरसैंण से चलने वाली सरकार चुनेगी, तभी पहाड़ का विकास होगा।

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