राज्य के वैभवशाली परम्पराओं का प्रतीक है इगास
जनमंच टुडे। देहरादून। प्रदेशभर में कल लोकपर्व इगास धूमधाम से मनाया जाएगा। इगास को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। देहरादून की जिलाधिकारी के निर्देश पर मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान ने जनपद के विभिन्न स्थानों पर आयोजित इगास पर्व में उत्तराखण्ड की लोक सांस्कृतिक विरासत के उन्नयन एवं संवर्द्धन हेतु अनवरत् कार्य कर रहे संगठनों की विशेष रूप से सहभागिता सुनिश्चित की जाने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिए । मुख्य विकास अधिकारी ने जनपद में विभिन्न संगठनों एवं कार्यक्रम से आम जनमानस को जोड़ते हुए कार्यक्रम को भव्य एवं धूूमधाम से मनाने के लिए विकासखण्ड स्तर पर महिला मंगल दलों, युवा संगठनों एवं स्थानीय स्तर पर सहभागिता सुनिश्चित किया जाने के निर्देश समस्त खण्ड विकास अधिकारियों एवं जिला युवा कल्याण अधिकारी सहित सम्बन्धित अधिकारियों को दिए। उन्होंने राज्य के इस लोक पर्व इगास में सभी की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न स्थलों पर आयोजित किये जा रहे कार्यक्रमों स्थानीय संस्कृति परम्परा के अनुरूप कार्यक्रम तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। जिलाधिकारी श्रीमती सोनिका ने राज्य एवं जनपदवासियों को ईगास पर्व की बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड की समृद्ध लोक सांस्कृतिक विरासत पर आधारित लोक पर्व ईगास को परिवार संग हर्षोल्लास से मनाएं अपनी सहभागिता निभाएं। यह पर्व राज्य की वैभवशाली परम्पराओं का प्रतीक है इसे संजोये रखना प्रत्येक राज्सवासी का कर्तव्य है। वही केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने देश व प्रदेशवासियों को इगास पर्व /बूढ़ी दीपावली की बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। भट्ट ने कहा कि हमारे लोक पर्व एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत सामाजिक जीवन में जीवंतता प्रदान करने का कार्य करते हैं, उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य की लोक संस्कृति एवं लोक परम्परा उस राज्य की आत्मा होती है। हमारी लोक संस्कृति एवं परम्परा देवभूमि की पहचान है। उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य की लोक संस्कृति एवं लोक परम्परा उस राज्य की आत्मा होती है, इसमें इगास का पर्व भी शामिल है। उन्होंने कहा कि हम राज्य की लोक संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिये संकल्पबद्ध हैं। अपनी लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये हम प्रयासरत हैं। हमारी युवा पीढ़ी अपनी लोक संस्कृति एवं लोक पर्वों से जुड़े इसके भी प्रयास होने चाहिए। उन्होंने कहा कि इगास बग्वाल से कई ऐतिहासिक पहलु भी जुड़े हैं।उन्होंने कहा कि हमारे लोग इगास पर्व पर अपनी परम्पराओं के साथ अपने पैतृक गांवों से भी जुड सके इसके लिये राज्य में इगास पर्व पर सार्वजनिक अवकाश की परम्परा शुरू की गई है। इससे राज्य की समृद्ध संास्कृतिक विरासत एवं परम्पराओं से हमारी भावी पीढी भी जुड सकेगी।