राजकीय मेडिकल कॉलेजों के लिए अलग से बनेगी एसओपी
देहरादून। चिकित्सा शिक्षा विभाग के तहत संचालित राजकीय मेडिकल कॉलेजों के लिये अलग से मानक संचालन प्रक्रिया-एस॰ओ॰पी बनाई जायेगी। इसका पालन सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ही चिकित्सकों भी करना होगा। इसके साथ ही चिकित्सकों से लेकर सभी कार्मिकों को अनिवार्य रूप से बायोमेट्रिक उपस्थिति भी लगानी होगी। देहरादून में चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा में स्वास्थ्य मंत्री डाॅक्टर धनसिंह रावत ने यह निर्देश दिए।
चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डाॅक्टर धनसिंह रावत ने कहा कि एस॰ओ॰पी में चिकित्सकों से लेकर कर्मचारियों के कार्यों और दायित्वों के निर्वहन की स्पष्ट रूपरेखा तैयार की जायेगी। जो कार्मिक एस॰ओ॰पी के उल्लंघन का दोषी पाया जायेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जायेगी। डाॅक्टर रावत ने मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों को हर दिन दिये जाने वाले भोजन का मेन्यू प्रत्येक वार्ड में चस्पा करने के निर्देश भी दिए हैं। साथ ही मरीजों को किसी भी प्रकार के संक्रमण से दूर रखने के लिये हर दिन भर्ती मरीजों के बेड की चादर बदलनी होगी, जिसके लिए सप्ताह में सातों दिन के लिये चादरों का अलग-अलग रंग निर्धारित किया जायेगा। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों में साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त रखने की जिम्मेदारी वार्ड के नर्सिंग इंचार्ज और मेडिकल काॅलेज के सुपरीटेंडेंट की होगी। यह नई व्यवस्था सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में पहली जनवरी 2025 से लागू की जायेगी। इसके लिये सभी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यों के साथ ही निदेशक चिकित्सा शिक्षा को निर्देश दे दिये गये हैं।