देश को मिले चार सौ उन्नीस सैन्य अधिकारी

देहरादून। भारतीय सैन्य अकादमी (IMA), देहरादून में 156वें पासिंग आउट परेड का भव्य आयोजन हुआ।  श्रीलंका के सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल लासांथा रोड्रिगो, आरएसपी, सीटीएफ-एनडीयू, पीएससी, आईजी ने आफिसर परेड का निरीक्षण कर  पास आउट हो रहे जेंटलमैन कैडेटों से सलामी ली। श्रीलंका के सेना प्रमुख ने भी आईएएम देहरादून से दिसम्बर 1990 में पास आउट हुए थे। अकादमी के  ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल  स्क्वायर पर सुबह छह बजे शुरू हुई परेड के बाद 156 वें रेगूलर कोर्स और 139वें टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स के कुल 451 जेंटलमैन कैडेट्स सेना की मुख्य धारा में शामिल हुए। इनमें से 419 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थल सेना को मिले,जबकी मित्र देशों के 32 युवा सैन्य अधिकारी भी अपने, अपने देशों के सेना के अभिन्न अंग बने। श्रीलंका के सेना प्रमुख ने इस दौरान प्रशिक्षण पूर्ण कर पास आउट हुए ऑफिसर कैडेट्स को बधाई दी।  उन्होंने कहा कि यह दौरा भारत और श्रीलंका की सेनाओं के बीच पारंपरिक, सुदृढ़ और ऐतिहासिक सैन्य संबंधों का परिचायक है तथा आपसी सहयोग को और सशक्त बनाएगा। परेड के दौरान ऑफिसर कैडेट्स ने ‘सारे जहाँ से अच्छा’ और ‘कदम-कदम बढ़ाए जा’ जैसे प्रेरक सैन्य धुनों पर अनुशासित और जोशीले कदमों से मार्च करते हुए अपनी प्रतिबद्धता, गर्व और आत्मविश्वास का परिचय दिया। परेड को संबोधित करते हुए समीक्षा अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल लासांथा रोड्रिगो ने भावुक होते हुए कहा कि IMA के पूर्व छात्र होने के नाते इस ऐतिहासिक परेड की समीक्षा करना उनके लिए गर्व और सम्मान की बात है। उन्होंने याद किया कि किस प्रकार एक साधारण बाल कटवाने के साथ उनकी सैन्य यात्रा की शुरुआत इसी अकादमी से हुई थी। उन्होंने कहा कि वर्दी केवल एक पद का प्रतीक नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवनशैली है। एक सच्चा अधिकारी अपने चरित्र, आचरण और निर्णयों से अपने अधीनस्थों का विश्वास अर्जित करता है – यह सम्मान केवल रैंक से नहीं मिलता, यह हर दिन के कर्म से कमाया जाता है। जनरल रोड्रिगो ने IMA के आदर्श वाक्य का उल्लेख करते हुए तीन मूलभूत जिम्मेदारियों पर बल दिया – राष्ट्र के प्रति, अपने सैनिकों के प्रति और वीर जवानों के परिवारों के प्रति। उन्होंने सैनिक के चार आधारभूत मूल्यों – अनुशासन, ईमानदारी, निष्ठा और सम्मान – को सफलता की कुंजी बताया। उनके अनुसार, अनुशासन आत्म-संयम है, ईमानदारी वह है जो तब भी बनी रहती है जब कोई देख न रहा हो, निष्ठा पद की सीमा से परे होती है, और सम्मान वह पवित्र विश्वास है जो वर्दी के साथ जुड़ा होता है। उन्होंने कैडेट्स को याद दिलाया कि वे अब देशभक्तों की एक गौरवशाली श्रृंखला का हिस्सा बन चुके हैं और उन्हें यह वर्दी गर्व के साथ, उद्देश्य की भावना से धारण करनी चाहिए। श्रीलंका सेना प्रमुख ने कहा कि IMA न केवल सैनिकों को प्रशिक्षण देती है, बल्कि राष्ट्र के भावी रक्षकों का निर्माण करती है। उन्होंने कैडेट्स से विवेकपूर्ण नेतृत्व करने, सत्य और न्याय के लिए संघर्ष करने तथा राष्ट्र की आशाओं को गर्वपूर्वक आगे बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कैडेट्स को IMA की महान विरासत में अपना नया अध्याय जोड़ने की प्रेरणा दी और उत्कृष्ट परेड के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि कैडेट्स अब जीवनभर चलने वाले सैन्य बंधुत्व का हिस्सा बन गए हैं। उन्होंने फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के प्रेरणास्पद शब्दों के साथ अपना संबोधन समाप्त किया – “सच्चे बनो, ईमानदार बनो, निर्भीक बनो।”

इन कैडेट्स को मिला पुरस्कार

• स्वॉर्ड ऑफ ऑनर – एकेडमी कैडेट एडजुटेंट अन्नी नेहरा
• गोल्ड मेडल  – एकेडमी अंडर ऑफिसर रोनित रंजन नायक
• सिल्वर मेडल  – एकेडमी कैडेट एडजुटेंट अन्नी नेहरा
• ब्रॉन्ज मेडल – बटालियन अंडर ऑफिसर अनुराग वर्मा
• तकनीकी स्नातक कोर्स में प्रथम स्थान – सार्जेंट आकाश भदौरिया (सिल्वर मेडल)
• TES-45 में प्रथम स्थान – विंग कैडेट क्वार्टर मास्टर कपिल (सिल्वर मेडल)
• विदेशी कैडेट में प्रथम स्थान – विदेशी ऑफिसर कैडेट निशान बलामी (नेपाल)
• चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर – केरन कंपनी (स्प्रिंग टर्म 2025 में 12 कंपनियों में सर्वोच्च प्रदर्शन के लिए)

परेड के समापन अवसर पर समीक्षा अधिकारी ने सभी कैडेट्स से राष्ट्र सेवा के लिए पूर्ण समर्पण का आह्वान किया और कहा, “आप अपने कमीशनिंग के उस ऐतिहासिक और गौरवशाली क्षण से केवल एक कदम दूर हैं।”

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