टिहरी में खुलेगा ‘अंतरराष्ट्रीय वैदिक स्कूल’

नई टिहरी। टिहरी लेक फेस्टिवल के उदघाटन पर मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने  टिहरी में भागीरथी के तट पर अंतरराष्ट्रीय वैदिक विद्यालय की स्थापना की घोषणा की। स्कूल में विद्यार्थियों को संस्कृत भाषा के साथ ही हिंदी और अंग्रेजी की शिक्षा दी जाएगी। इससे पूरे विश्व के लोग भारतीय संस्कृति का ज्ञान हासिल कर सकेंगे। यहां 500 प्रशिक्षणार्थियों को स्कूबा डाइविंग के प्रशिक्षण की
भी व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि टिहरी में उत्तराखंड का भविष्य है। पहले टिहरी लेक फेस्टिवल किस दिन मनाया जाए इसे लेकर कोई  दिनवार तय नहीं था परंतु अब हमने गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है कि टिहरी लेक फेस्टिवल अब से हर वर्ष बसंत पंचमी को होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के चमोली में आई प्राकृतिक आपदा के कारण इस बार महोत्सव को लेकर असमंजस की स्थिति थी परंतु हमने निर्णय लिया कि हम आपदा से भी लड़ेंगे और आगे भी बढ़ेंगे। जिन लोगों ने इस आपदा में  जीवन खोया है, मैं बाबा केदार और भगवान बद्री विशाल से उनकी आत्मा को शांति प्रदान करने की कामना करता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रताप नगर के निवासियों ने काफी दिक्कतें झेली हैं। आज सरकार ने उन्हें मोटरेबल डोबरा चांठी पुल दिया है जिससे उनकी परेशानी दूर हुई। साथ ही पर्यटकों और उत्तरकाशी के निवासियों को भी सुविधा मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि टिहरी में पर्यटक कुछ दिन रुके और यहां का लुत्फ उठाएं, इस कल्पना के साथ हम टिहरी क्षेत्र का विकास कर रहे हैं। इसके लिए 1210 करोड रुपए से नई टिहरी को विकसित करने का कार्य चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए एडवेंचर विंग की स्थापना की गई है। आज भीमताल, अल्मोड़ा, सतपुली और टिहरी में साहसिक गतिविधियों का सफलतापूर्वक आयोजन हो रहा है। हम टिहरी का इस तरह विकास कर रहे हैं कि लोग पलायन न करें और उन्हें यहीं पर रोजगार मिले।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कई घोषणाएं की जिनमे टिहरी झील के आसपास 500 हैक्टेयर भूमि पर पर्यटन गतिविधियों का नियोजन, कोटी में स्कूबा डाइविंग प्रशिक्षण हेतु स्विमिंग पूल का निर्माण, डोबरा-चांठी में बोटिंग पॉइंट, पब्लिक/इको पार्क का निर्माण, कोटी में स्थाई बोटिंग पॉइंट, 500 स्थानीय व्यक्तियों को एक वर्ष के भीतर साहसिक खलों का प्रशिक्षण, प्रतापनगर में लोक निर्माण विभाग के स्वामित्व के राज महल में एक संग्रहालय का निर्माण, टिहरी झील में लाइट एंड साउंड की व्यवस्था, टिहरी लेक सिटी के नाम से प्रतापनगर पहाड़ी पर हॉलीवुड की तर्ज पर विशाल साइनेज, कोटी में पीपीपी मोड़ से एक अंतराष्ट्रीय स्तर का वैदिक विद्यालय बनाये जाने , कोटी में घाट का निर्माण, नई टिहरी शहर में भूस्वामियों के पास अतिरिक्त कब्जे की भूमि को बाजार/सर्किल रेट पर आवंटन की घोषणा शामिल है।

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