मौके पर जाकर यात्रा व्यवस्थाओं को देखें अधिकारी : मुख्यमंत्री

जनमंच टुडे। देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सुरक्षित और सुगम चारधाम यात्रा के लिए शासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी सड़क मार्ग से ग्राउंड जीरो पर यात्रा व्यवस्थाओं को देंखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि उनको चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन के अनुसार जो तिथि मिली है, उसके अनुसार ही दर्शन के लिए आने की अपील की। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से स्वास्थ्य परीक्षण और मौसम का पूर्वानुमान देखने के बाद ही चारधाम यात्रा पर आने के लिए अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए चारों धामों में प्रतिदिन के लिए जो क्षमता निर्धारित की गई है, उसके अनुसार ही दर्शन के लिए भेजे जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं से सबंधित सभी जानकारियां लोगों तक स्पष्ट रूप से जाए इसके लिए शासन के वरिष्ठ अधिकारी प्रतिदिन मीडिया ब्रीफिंग करें। यात्रा से संबंधित सभी जानकारियां आमजन तक पहुंचाने के लिए मीडिया को उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये है कि चारधाम यात्रा के दौरान भीड़ प्रबंधन और यात्रा प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिये कि वे यातायात प्रबंधन और भीड़ प्रबंधन के लिए स्वयं स्थलीय निरीक्षण करें और चारों धामों में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी दी जाये। सचिव मुख्यमंत्री आर.मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि यमुनोत्री क्षेत्र के विकास के बारे में विचार-विमर्श किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यमुनोत्री के लिए मास्टर प्लान बनाकर धाम में सुविधाओं के विकास के लिए कारगर कदम उठाए जाएंगे। श्री सुंदरम ने कहा कि धामों में अत्यधिक भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बिना पंजीकरण के यात्रा पर आने वाले लोगों को सख्ती से रोका जाएगा। श्री सुंदरम ने जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट और पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी के साथ यमुनोत्री धाम व आस-पास के क्षेत्रों व यात्रा मार्ग का हवाई सर्वेक्षण करने के साथ ही खरसाली एवं जानकीचट्टी में यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि यमुनोत्री धाम का मास्टर प्लान बनाकर यहां आवागमन की बेहतर सुविधा और अवस्थापना विकास के लिए कारगर प्रयास किए जाएंगे। कुछ सालों के भीतर इन परियोजनाओं के पूरा हो जाने से धाम की वहनीय क्षमता बढ जाएगी और अधिक संख्या में यात्री यहां आ सकेंगे।

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