पांच लाख तक के किसान लोन पर स्टांप डय़ूटी माफ

जनमंच टुडे। देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। कैबिनेट की बैठक शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री समेत सभी कैबिनेट मंत्रियों ने केदारनाथ विधायक शैला रानी रावत के आकस्मिक निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। साथ ही 8 जुलाई को शहीद हुए पांचों जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। वहीं, कैबिनेट बैठक के दौरान मंत्रिमंडल ने तमाम विभागों से संबंधित 22 प्रस्तावों पर मुहर लगाई। विधानसभा सत्र के लिए मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है। धामी मंत्रिमंडल ने औद्योगिक विकास विभाग के कर्मचारियों को 7वें वेतनमान के आधार पर मकान भत्ता देने को अनुमन्य किया है। साथ ही पांच लाख तक के किसान लोन पर स्टाम्प डय़ूटी माफ की गई है। कैबिनेट ने स्टाम्प संशोधन नियमावली में संशोधन किया है। सेंटर फार हिंदू स्टडीज, किसी भी वि विद्यालय में शुरू की जाएगी। इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार कर मंत्रिमंडल के सम्मुख रखा जाएगा। बाह्य पोषित योजनाओं के लिए सचिव नियोजन की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। ऐसे में 5 करोड़ से ज्यादा के विचलन पर सचिव नियोजन की अध्यक्षता में बनी कमेटी परीक्षण करेगी। प्रशासन के चतुर्थ श्रेणी के कार्मिकों को पुरानी सेवा का लाभ का देने को मंजूरी दी गई है। वन विभाग के तहत उत्तराखंड कास्ट आधारित पालिसी को भी मंजूरी दी गई। साथ ही वन विकास निगम की वाषिर्क रिपोर्ट, उत्तराखंड दूर संचार राजपत्रित नियमावली को भी मंजूरी मिली है। एक अन्य प्रस्ताव पर लावारिश शवों पर अब मेडिकल कालेज के छात्र प्रेक्टिकल कर सकेंगे। पिथौरागढ़ और हरिद्वार के मेडिकल कालेज के खाली 240-240 पदों पर सीधी भर्ती होगी। मेडिकल हेल्थ डिपार्टमेंट के तहत सभी राजकीय चिकित्सालयों के संशोधित रेट किए पर मंत्रिमंडल ने सहमति जताई है। विद्या समीक्षा केंद्र के संचालन को लेकर 25 पद स्वीकृत किए गए हैं। एनसीसी की चंपावत में पहले दो स्वतंत्र कंपनी चल रही थी, जो निलंबित हो गई थी, जिसे फिर से संचालित करने का निर्णय लिया गया है।उरेडा के नए ढांचे में 29 पद बढ़ाए पर सहमति दी गई है। साथ ही कार्मिक सतर्कता विभाग की नई नियमावली को मंजूरी दी गई है। एक अन्य प्रस्ताव में नैनी सैनी एयरपोर्ट को राज्य सरकार खुद संचालित करने का फैसला लिया गया है। पंतनगर एयरपोर्ट के लिए 212.4 हेक्टेयर जमीन एयरपोर्ट अथारिटी को देने पर मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। ग्राम्य विकास विभाग के अधीन हाउस आफ हिमालय के लिए वित्तीय नियम को भी मंजूरी दी गई है। प्रदेश में 5 लाख तक के टेंडर स्थानीय लोगों को देने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए स्थानीय ठेकेदारों को दी ट्रेनिंग जाएगी। कैबिनेट में निर्णय लिया गया कि किसी भी व्यक्ति या संस्थाओं द्वारा बदरीनाथ, केदारनाथ धाम के नाम से कोई ट्रस्ट आदि बनाया जाता है तो इससे राज्य सरकार कड़े विधिक प्रावधान लागू करेगी। मिलते जुलते नामों को लेकर भी कड़ा कानून बनेगा। बता दें कि हाल ही में दिल्ली में केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक मंदिर को बनाने को लेकर खड़े हुए विवाद के बाद कैबिनेट ने यह निर्णय लिया है।

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